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मैंने…

मैंने तो उनसे सिर्फ मोहब्बत की थी
और अब ओ मोहब्बत के खुदा बन बैठे हैं…

इक दिन…

इक दिन ओ मेरे पास वापिस आयी
और आकर मेरे कानो में धीरे से कहा
मैंने जाने अनजाने में तुम्हारा दिल बहुत दुखाया है ना
क्या मैं फिर से तुम्हारा दिल दुखा सकती हूँ…
उनकों प्यार हो गया था फिर से मुझसे…

दिवानी आती नहीं…

बचपन तो चाला गया
मगर नादानी जाती नहीं
जवानी तो आ गयी
मगर ओ दिवानी आती नहीं…

बिखरे हुए लम्हे…

जो है मेरे और तुम्हारे बीच के
अब इन्हें समेट लेते हैं, आओ लौट आओ ना
फिर से उन लम्हों को जी लेते हैं
ओ लम्हे जिन्हें हम साथ जिया करते थे
प्यार हो चाहे दुख का माहौल, हम साथ रहा करते थे
लौट आओ ना उन लम्हों में जिनमे हम साथ जिया करते थे,
ओ जो लम्हे बिखर गए हैं उन्हें अब हम समेट लेते हैं
लौट आओ ना पास हमारे, हम फिर से उन लम्हों को जी लेते हैं…
ये जो जीवन की इक आश फिर से जगी है मेरे मन में
इस आश को जी लेते हैं, लौट आओ ना फिर से उन लम्हों को जी लेते हैं…
ये जो बिखरे हुए लम्हें है उन्हें साजो लेते हैं
आओ लौट आओ ना फिर से उन लम्हों को जी लेते हैं..

छुपाना मत

वर्ना मुझे पता चल जाएगा
जताना भी मत वर्ना सबको पता चल जाएगा
जब तुम मुझसे प्यार ही करते हो
तो आखों से ही बयां करो ना
मुझे पता चल जाएगा
तुम्हारी ये आखें
खामोशी में भी बहोत कुछ बोल जाती है
ईन आखों को सम्भाल कर रखों
वर्ना कत्लेआम मच जाएगा
कुछ मत कहो
वर्ना सबको पता चल जाएगा…

#छुपाना #bhaskars_poetry

ओ आये तो सही…

हर वक़्त इन्तेजार करते हैं हम उनका

पर ओ आये तो सही

प्यार तो हर वक़्त रहता है मेरे लिए उनके दिल में

पर ओ जताए तो सही

हाँ माना मोहब्बत है उनको हमसे

तो ओ जताए तो सही

ग़र मोहब्बत है उनको मुझसे तो

ओ जताए तो सही

मोहब्बत में हार या जीत नहीं होती

ग़र मोहब्बत में महबूब से जीत भी गये तो क्या

ग़र फिर महबूब को मनाने की फ़िक्र ना पड़ती

छोड़ा भी नहीं जाता…

और अब साथ रहने का मन भी नहीं
पर क्या करे प्यार जो इतना करते हैं…

Koi dor…

कोई डोर मुझे खींच रही है अपनी ओर
लगता है कि ओ आ रहे हैं
आज ये शाम मुझे हसीन लग रही हैं क्यूँ
लगता है ओ आ रहे हैं…