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प्यार की पहल कौन करे, बस यही कशमकश चल रही है दिल मेंकैसे कहू मैं अपने ज़ज्बात उनसेपर सोचता हू की कह देता हूंक्या पता उनके दिल में भी यहीकशमकश चल रही हो…

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इक दिन…

इक दिन ओ मेरे पास वापिस आयी
और आकर मेरे कानो में धीरे से कहा
मैंने जाने अनजाने में तुम्हारा दिल बहुत दुखाया है ना
क्या मैं फिर से तुम्हारा दिल दुखा सकती हूँ…
उनकों प्यार हो गया था फिर से मुझसे…

तेरा मेरे साथ…

तेरा मेरे साथ वक़्त गुजरना
मैंने उसे मोहब्बत समझा
अब बाकी नहीं सब्र मुझमे
की तू वक़्त गुजारे और
मैं उसे मोहब्बत समझूँ…
हम अब भी वही तो है
तुम्हारे जाने के बाद
बदलाव हममे आयेगा भी तो कैसे
हममे बदलाव लाने वाले भी तो आप ही तो थे…

उनका ग़ुस्सा…

जब उसने हमे गुस्से से देखा
मैं तो सोच में पड़ गया
हमे तो प्यार उनके मुस्कुराहट से हुई थी
पर उनका ग़ुस्सा भी क्या सितम करता हैं जनाब
की अब हमे उनके गुस्से से भी प्यार हो गया…

छुपाना मत

वर्ना मुझे पता चल जाएगा
जताना भी मत वर्ना सबको पता चल जाएगा
जब तुम मुझसे प्यार ही करते हो
तो आखों से ही बयां करो ना
मुझे पता चल जाएगा
तुम्हारी ये आखें
खामोशी में भी बहोत कुछ बोल जाती है
ईन आखों को सम्भाल कर रखों
वर्ना कत्लेआम मच जाएगा
कुछ मत कहो
वर्ना सबको पता चल जाएगा…

#छुपाना #bhaskars_poetry

दोस्त नहीं रह सकते…

जाने अनजाने मे उसने मुझे एक बात कही
की अब हम दोस्त नहीं रह सकते
उसे प्यार हो गया था मुझसे…

ओ आये तो सही…

हर वक़्त इन्तेजार करते हैं हम उनका

पर ओ आये तो सही

प्यार तो हर वक़्त रहता है मेरे लिए उनके दिल में

पर ओ जताए तो सही

हाँ माना मोहब्बत है उनको हमसे

तो ओ जताए तो सही

ग़र मोहब्बत है उनको मुझसे तो

ओ जताए तो सही

मोहब्बत में हार या जीत नहीं होती

ग़र मोहब्बत में महबूब से जीत भी गये तो क्या

ग़र फिर महबूब को मनाने की फ़िक्र ना पड़ती

छोड़ा भी नहीं जाता…

और अब साथ रहने का मन भी नहीं
पर क्या करे प्यार जो इतना करते हैं…