मैंने तो उनसे सिर्फ मोहब्बत की थी
और अब ओ मोहब्बत के खुदा बन बैठे हैं…

मैंने तो उनसे सिर्फ मोहब्बत की थी
और अब ओ मोहब्बत के खुदा बन बैठे हैं…
इक दिन ओ मेरे पास वापिस आयी
और आकर मेरे कानो में धीरे से कहा
मैंने जाने अनजाने में तुम्हारा दिल बहुत दुखाया है ना
क्या मैं फिर से तुम्हारा दिल दुखा सकती हूँ…
उनकों प्यार हो गया था फिर से मुझसे…
बचपन तो चाला गया
मगर नादानी जाती नहीं
जवानी तो आ गयी
मगर ओ दिवानी आती नहीं…
जब उसने हमे गुस्से से देखा
मैं तो सोच में पड़ गया
हमे तो प्यार उनके मुस्कुराहट से हुई थी
पर उनका ग़ुस्सा भी क्या सितम करता हैं जनाब
की अब हमे उनके गुस्से से भी प्यार हो गया…