ओए सुन ना यार इक बात बताकिसी से मिलने के बाद बिछड़ने पर कैसा लगता हैये बात ओ हर बार बोलती थींजब भी हम मिलते थेअब जब हम दूर जो कि बस कुछ समय के लिए हैतो अब वो कहती हैं कि,तुम बदल गए हों…
जिंदगी कैसे गुजारे, उनके बिनाअब तो वो ख्वाबों मे भी नहीं आतेमुझे छोड़ कर जाने के बाद…उनके बिनाअब तो वो ख्वाबों मे भी नहीं आतेमुझे छोड़ कर जाने के बाद…
मुस्किल हो जाता है, आपसे बाते कर के वापिस जानाआप मुझे यूं बाते कर सताया ना करोआया करो ख्वाबों मे रोज मेरेऔर मुझे जताया ना करोबाते करनी होती है आपसे ढेर सारीकुछ शब्द आप मेरे लिए भी सजाया करोकी जब भी बाते होती है आपसेमैं संभालता हू खुद को ये मैं ही जनता हूकी मुझे यू आप अपने इशारों से सताया ना करोअच्छा लगता है जब भी बाते होती है आपसेकी आप बाते कर वापिस जाया ना करोठहरो रुको बैठो थोड़ा मेरे साथ भीकी यू रूठ कर मुझसे जाया ना करोआओ बैठो हमारे पास की थोड़ा सा हक मुझेपे भी जताया करोकी यूँ ख्वाबों मे आकर मुझे सताया ना करोमैं समझ जाता हूँ तुम्हारे इशारों कोकी यूँ नाराज हो मुझे सताया ना करोमुस्किल हो जाता है आपसे बाते कर वापिस जानायूँ ख्वाबों मे आकर यूं सताया ना करो…आपसे बाते कर के वापिस जानाआप मुझे यूं बाते कर सताया ना करोआया करो ख्वाबों मे रोज मेरेऔर मुझे जताया ना करोबाते करनी होती है आपसे ढेर सारीकुछ शब्द आप मेरे लिए भी सजाया करोकी जब भी बाते होती है आपसेमैं संभालता हू खुद को ये मैं ही जनता हूकी मुझे यू आप अपने इशारों से सताया ना करोअच्छा लगता है जब भी बाते होती है आपसेकी आप बाते कर वापिस जाया ना करोठहरो रुको बैठो थोड़ा मेरे साथ भीकी यू रूठ कर मुझसे जाया ना करोआओ बैठो हमारे पास की थोड़ा सा हक मुझेपे भी जताया करोकी यूँ ख्वाबों मे आकर मुझे सताया ना करोमैं समझ जाता हूँ तुम्हारे इशारों कोकी यूँ नाराज हो मुझे सताया ना करोमुस्किल हो जाता है आपसे बाते कर वापिस जानायूँ ख्वाबों मे आकर यूं सताया ना करो…
कहीं गुम हो जाए, हम तो क्या तुम मुझे ढूंढने आओगेय़े अंतिम शब्द थे उनके मुझेछोड़ कर जाने से पहले…हम तो क्या तुम मुझे ढूंढने आओगेय़े अंतिम शब्द थे उनके मुझेछोड़ कर जाने से पहले…
आखिर उसने कह दिया, कि उसे मुझसे कुछ कहाना हैअब मैं उसके उस कुछ काइन्तेजार कर रहा हू…कि उसे मुझसे कुछ कहाना हैअब मैं उसके उस कुछ काइन्तेजार कर रहा हू…
चाहत जिंदा रहती है, हर वक़्त इस दिल में उनसे मिलने कीपर कभी समय तो कभी हालत साथ नहीं देते…हर वक़्त इस दिल में उनसे मिलने कीपर कभी समय तो कभी हालत साथ नहीं देते…
मैंने हाथ छुड़ाकर, उससे गलत किया शायदपर उसे ही शौक था,सबसे हाथ मिलाने काउससे गलत किया शायदपर उसे ही शौक था,सबसे हाथ मिलाने का
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कल बात करते हैं, ये शब्द जब तुम बोलते हो नातब मन तो करता है कि बात ही ना करूपर क्या करूं इस दिल से हारा हू मैं…ये शब्द जब तुम बोलते हो नातब मन तो करता है कि बात ही ना करूपर क्या करूं इस दिल से हारा हू मैं…