जब उसने हमे गुस्से से देखा
मैं तो सोच में पड़ गया
हमे तो प्यार उनके मुस्कुराहट से हुई थी
पर उनका ग़ुस्सा भी क्या सितम करता हैं जनाब
की अब हमे उनके गुस्से से भी प्यार हो गया…
Tag: #Poetry #writingकम्यूनिटी
माफ़ी…
माफी मांगने से क्या मैं तुमको माफ़ कर दूँगा
ये मेरा दिल मुझसे अब हर वक़्त कहता है