तुम ना समझे थे और ना समझोगे
पीस गया हूँ मैं ईन दो जज्बातों के खेल मे
इस दिल को समझाते और तुम्हें मनाने के खेल में
तुम्हें मानना अब आसान नहीं
इस दिल में तुम्हें बसाना अब आसान नहीं
ग़र तुम ना समझे तो वो रास्ते अलग हो जाएंगे
वो ख्वाब वो सपने बिखर से जाएंगे
ग़र तुम ना समझे तो हम फिर से
अलग हो जाएंगे…