फूल खिला था मुझमे भी कभी प्यार का
इन्तेजार हमने भी किया था अपने प्यार का
अरमान मुझमे भी थे प्यार के इजहार के
रहता मैं अब भी उनके प्यार मे
क्या तुम साथ दोगी मेरा
इस जीवन के इम्तेहान में…
फूल खिला था मुझमे भी कभी प्यार का
इन्तेजार हमने भी किया था अपने प्यार का
अरमान मुझमे भी थे प्यार के इजहार के
रहता मैं अब भी उनके प्यार मे
क्या तुम साथ दोगी मेरा
इस जीवन के इम्तेहान में…