रात की दीवार पर,
लिख दे जो भी लिखना है
अंधेरे की चादर में कर ले जो भी करना है
क्या हो जाएगा ग़र कोई देख ले तुझको
मुझसे मिलते हुये, अंधेरा है, अंधेरे में
जो भी करना है करने दो
ग़र कोई कुछ कहे तुम्हें तो
जो कहता है उसे कहने दो
अंधेरे की चादर में, लिख दो
जो भी लिखना है…