जिंदगी इम्तेहान हो गयी है, बेरंग और बेईमान हो गयी हैकिताब के कुछ पन्ने कुछ ऐसे बिखर रहे हैंमानो उन्हें आजाद हम सरे आम कर रहे हैंओ आजाद होकर गुम हो जाती तो ग़म ना थाओ तो सरे आम हमे बदनाम कर रहे हैंबदनामी मुझे मंजूर है अपनीपर वो तो उन्हें बदनाम कर रहे हैं…बेरंग और बेईमान हो गयी हैकिताब के कुछ पन्ने कुछ ऐसे बिखर रहे हैंमानो उन्हें आजाद हम सरे आम कर रहे हैंओ आजाद होकर गुम हो जाती तो ग़म ना थाओ तो सरे आम हमे बदनाम कर रहे हैंबदनामी मुझे मंजूर है अपनीपर वो तो उन्हें बदनाम कर रहे हैं…