आखों की खामोशी मे, कई बात छुपाये बैठे हैंकोई पूछे जरा प्यार से कि हम क्या छुपाये बैठे हैंउसने पूछा मुझसे मुस्कुरा कर इक रोजतुम्हारी आखों में यूँ ख़ामोशी क्यूँ दिखाई देती है मुझेअब उसे क्या बताए कि हम क्याछुपाये बैठे हैं… Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related