रात की चादर तले,सब भूल जाते हैं,चलो कल सुबह से हम अपनीनई दुनिया बसातें है…सब भूल जाते हैं,चलो कल सुबह से हम अपनीनई दुनिया बसातें है… Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related