
अब इन्हें समेट लेते हैं, आओ लौट आओ ना
फिर से उन लम्हों को जी लेते हैं
ओ लम्हे जिन्हें हम साथ जिया करते थे
प्यार हो चाहे दुख का माहौल, हम साथ रहा करते थे
लौट आओ ना उन लम्हों में जिनमे हम साथ जिया करते थे,
ओ जो लम्हे बिखर गए हैं उन्हें अब हम समेट लेते हैं
लौट आओ ना पास हमारे, हम फिर से उन लम्हों को जी लेते हैं…
ये जो जीवन की इक आश फिर से जगी है मेरे मन में
इस आश को जी लेते हैं, लौट आओ ना फिर से उन लम्हों को जी लेते हैं…
ये जो बिखरे हुए लम्हें है उन्हें साजो लेते हैं
आओ लौट आओ ना फिर से उन लम्हों को जी लेते हैं..#bhaskar95 #bhaskars_poetry #poetry #lovequotes